फूलों की होली !
जेठा लाल (दिलीप जोशी)
पिछले आठ सालों मैं होली तारक मेहता का उल्टा चश्मा के सेट पर ही खेल लेता हु! मई इको फ्रेंडली होली खेलने में यकीन रखता हु!इस बार भी हमारी होली सेट पर ही मानेगी ! यह अच्छा भी लगने लगा है ! वह इसलिए कि हमारा ज्यादा वक़्त तो रील लाइफ वाले परिवार के साथ ही बीतता हैसब दिल के बेहद अछे है ! साथ ही सेट पर ही ढेर सारे लोग होते है ! लिहाजा हमारा सेट सोसाइटी में तब्दील हो जाता है होली पर ! बाकि मैं पिछले कई सालों !से अलग तरह की होली खेल रहा हु ! सेट पर होली खेलने के बाद मैं अपने गृह नगर स्थित स्वामी नारायण मंदिर जाता हूं ! वह रंगों के बजाय फूलों से होली खेलता हू !
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